Diwali Tips 2025: दिवाली का त्योहार केवल दीप जलाने और मिठाइयाँ बाँटने का नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक भी है। इसी अवसर पर लोग घर की सफाई करते हुए नई झाड़ू खरीदने की परंपरा निभाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में झाड़ू से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं? गलत समय या गलत तरीके से झाड़ू रखना या फेंकना मां लक्ष्मी की कृपा को दूर कर सकता है।
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दिवाली और झाड़ू का धार्मिक संबंध
दिवाली भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाई जाती है। 14 वर्षों के वनवास के बाद जब भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे, तब नगरवासियों ने दीप प्रज्वलित कर उनका स्वागत किया। तभी से यह दीपावली पर्व “प्रकाश पर्व” कहलाता है।
मान्यता है कि मां लक्ष्मी दिवाली की रात पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और स्वच्छ, सुसज्जित तथा सकारात्मक वातावरण वाले घरों में ही निवास करती हैं। इसीलिए दीपावली से पहले सफाई, रंगाई-पुताई और सजावट करना शुभ माना गया है।
झाड़ू का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
झाड़ू को केवल सफाई का साधन नहीं, बल्कि नकारात्मकता को दूर करने वाला पवित्र उपकरण माना गया है। मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू से घर की धूल-मिट्टी के साथ-साथ दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा भी बाहर निकल जाती है।
दिवाली या धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
झाड़ू खरीदते और रखते समय ध्यान देने योग्य बातें
- झाड़ू खरीदने का शुभ समय:
सुबह या प्रदोष काल (संध्या के समय) में झाड़ू खरीदना सबसे शुभ होता है। - झाड़ू की दिशा:
घर में लाने के बाद झाड़ू को उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। - सम्मान का भाव रखें:
झाड़ू को कभी पैरों से न छुएं, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। - सही स्थान पर रखें:
उपयोग के बाद झाड़ू को सम्मानपूर्वक और व्यवस्थित स्थान पर रखना चाहिए।
पुरानी या टूटी झाड़ू न रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार टूटी या घिसी झाड़ू घर में दरिद्रता, विवाद और नकारात्मक ऊर्जा लाती है। इसलिए जैसे ही झाड़ू खराब हो जाए, उसे समय रहते बदल देना चाहिए।
पुरानी झाड़ू फेंकने का शुभ समय
पुरानी झाड़ू किसी भी दिन नहीं फेंकी जानी चाहिए। वास्तु के अनुसार, इसे निम्नलिखित दिनों में फेंकना शुभ होता है –
- शनिवार
- अमावस्या तिथि
- होलिका दहन के अगले दिन
- ग्रहण (सूर्य या चंद्र) के बाद
इन दिनों झाड़ू फेंकने से घर की नकारात्मकता समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
ध्यान रखें –
गुरुवार और शुक्रवार को झाड़ू फेंकना वर्जित है, क्योंकि इन दिनों ऐसा करने से आर्थिक हानि और अशुभ परिणाम हो सकते हैं।
दिवाली केवल दीप जलाने का पर्व नहीं, बल्कि ऊर्जा, स्वच्छता और समृद्धि का प्रतीक है। सही तरीके से झाड़ू खरीदना, रखना और त्यागना न केवल घर को स्वच्छ रखता है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी बनाए रखता है। इस दिवाली, इन छोटे-छोटे वास्तु उपायों को अपनाकर अपने घर में सौभाग्य और समृद्धि का स्वागत करें।
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